Hill uttarkhand
Friday, August 7, 2020
Thursday, November 28, 2019
देवी-दवताओ को उतना ही मानते हैँ. जितना की ऋग्वेद कालीन
सभ्यता के लोग देवी-देवताओं को मानते थे.
आज भी देवभूमि उत्तराखंड के लोग समय-समय पर देविक अनुष्ठान
करते रहते हैं.
इनकी देवी देवताओं के प्रति श्रद्धा मे आज भी खी कमी नजर नहीं
आती हैं. जय देवभूमि उत्तराखंड के जनमानस की बगवान हमेशा
इनकी मनो कामनाये पूर्ण.
guchd.blogspot.com
Wednesday, November 20, 2019
Friday, October 25, 2019
Uttarkhan in tope height buietiful place.
http://guchd.blogspot.com
यह स्थान उत्तरखंड के चार धामो में से एक यमनोत्री से कुछ 15km दूरी पर स्थित लगभग 7000 फिट की ऊंचाई पर स्थित
यह प्यारा सा स्थान उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के भोटिया
जनजाति के पशुओं का ग्रीष्म कालीन चारागाह स्थल है, सर्दियों
मे यहाँ मिनिमम 2 मीटर बर्फ पड़ती है, यही कारण है, की यहाँ
भोटिया लोग ग्रीष्म काल मे प्रवास करते है और उत्तरखंड के इस
पावन देविक स्थल मे हजारों की संख्या मे पालतु पशु ग्रीष्म काल
मे यहाँ पायी जाने वाली लोकल भाषा मे बोले तो यहाँ पायी जाने
बहुत किमति है.यह फूल अकेले देखने को नहीं मिलते जहाँ पर भी दिखिंगे पुरे मैदान मे फैले होते है इनके बिच सोने से एक बिसेस
प्रकार कि गंद आती है यदि आदमी कुछ घंटों इनके बीच रहा तो मस्त नशा सा लगता है और नींद आजाती है इस लिए इनके बीच
ज्यादा देर तक नहीं बैठना चहिये.
इस पवित्र स्थल का नाम यहाँ के लोग जिस नाम से बुलाते हैँ.
( टीरा ) है.
अर्थात ऐसा स्थान जहां से पास के सारे स्थानो से ऊँचा जहां
से पास के जहां तक नजर जाती हैँ ओ सभी स्थान अच्छे से
दिखाई देते हैँ उसे यहाँ के लोग अपनी लोकल भाषा मे ( टीरा )
कहते हैँ.
ध्न्य हैँ हमारी ये देवभूमि जहां इतने सुन्दर-सुन्दर स्थान हैँ.
जय उत्तरखंड जय भारत.... सत सत तेरा अभी नन्दन.. Hill uttarkhandHill uttarkhand Hill uttarkhand
यह स्थान उत्तरखंड के चार धामो में से एक यमनोत्री से कुछ 15km दूरी पर स्थित लगभग 7000 फिट की ऊंचाई पर स्थित
यह प्यारा सा स्थान उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के भोटिया
जनजाति के पशुओं का ग्रीष्म कालीन चारागाह स्थल है, सर्दियों
मे यहाँ मिनिमम 2 मीटर बर्फ पड़ती है, यही कारण है, की यहाँ
भोटिया लोग ग्रीष्म काल मे प्रवास करते है और उत्तरखंड के इस
पावन देविक स्थल मे हजारों की संख्या मे पालतु पशु ग्रीष्म काल
मे यहाँ पायी जाने वाली लोकल भाषा मे बोले तो यहाँ पायी जाने
- वाली घास का नाम (खीरा-मखीरा) का मजा लेते है. यहाँ के प्रत्येक पशु अपने मे मस्त रहते हैं.यह फूल यहाँ की जनता के लिए
बहुत किमति है.यह फूल अकेले देखने को नहीं मिलते जहाँ पर भी दिखिंगे पुरे मैदान मे फैले होते है इनके बिच सोने से एक बिसेस
प्रकार कि गंद आती है यदि आदमी कुछ घंटों इनके बीच रहा तो मस्त नशा सा लगता है और नींद आजाती है इस लिए इनके बीच
ज्यादा देर तक नहीं बैठना चहिये.
इस पवित्र स्थल का नाम यहाँ के लोग जिस नाम से बुलाते हैँ.
( टीरा ) है.
अर्थात ऐसा स्थान जहां से पास के सारे स्थानो से ऊँचा जहां
से पास के जहां तक नजर जाती हैँ ओ सभी स्थान अच्छे से
दिखाई देते हैँ उसे यहाँ के लोग अपनी लोकल भाषा मे ( टीरा )
कहते हैँ.
ध्न्य हैँ हमारी ये देवभूमि जहां इतने सुन्दर-सुन्दर स्थान हैँ.
जय उत्तरखंड जय भारत.... सत सत तेरा अभी नन्दन.. Hill uttarkhandHill uttarkhand Hill uttarkhand